श्री राणी सती दादी मंगल पाठ | Rani Sati Dadi Mangal Path
श्री राणी सती दादी मंगल मनका १०८
जय अम्बे जय दुर्गे मात , जय नारायणी जय तनधन दास !!
जय दादी जय शक्ति नाम , पतित पावन दादी नाम !!
मनका
दीन हीन का दुख हरने को ! जन गण मंगल करने को !!
शक्ति प्रकटी झुन्झुन धाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१)
यह शक्ति है माँ जगदम्बा ! यही भवानी दुर्गे अम्बा !!
नारायणी है इसका नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (२)
पीढी दर पीढी का रिश्ता ! तब ही दादी नाम है इसका !!
कुलदेवी को करो प्रणाम ! पतित पावन दादी नाम !! (३)
है अमोध दादी की शक्ति ! सदियों से करते सब भक्ति !!
पूजते है त्रिशूल निशान ! पतित पावन दादी नाम !! (४)
माँ शक्ति का अलख जगाऊँ ! दादी माँ की बात बताऊँ !!
है स्वयं शक्ति दुर्गा महान ! पतित पावन दादी नाम !! (५)
जानत है सबही नर नारी ! युद्घ हुआ महाभारत भारी !!
था वोः धर्म कर्म संग्राम ! पतित पावन दादी नाम !! (६)
कौरव, पाण्डव हुई लडाई ! लीला प्रभु ने अजब दिखाई !!
बने सारथी स्वयं भगवान ! पतित पावन दादी नाम !! (७)
गीता में उपदेश दिया है ! जग को यह संदेश दिया है !!
कर्म करो, तज फल का ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (८)
जब जब धरती पे धर्म लुटेगा ! और पाप का कर्म बढेगा !!
अवतारेंगे श्री भगवान ! पतित पावन दादी नाम !! (९)
अभिमन्यु, अर्जुन का लाल ! मंडराया जब उसका काल !!
कूदा रण में वह बलवान ! पतित पावन दादी नाम !! (१०)
चक्रव्यूअह की लड़ी लडाई ! वीर गति अभिमन्यु पाई !!
गया वीर वह तो सुरधाम ! पतित पावन दादी नाम !! (११)
उत्तरा, अभिमन्यु की नारी ! पति धर्म का सत था भारी !!
उस देवी को करो प्रणाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१२)
देख पति परलोक सिधारे ! उत्तरा ने ये वचन उचारे !!
जीवन हुआ आज निष्प्राण ! पतित पावन दादी नाम !! (१३ )
जाऊ मै भी संग पति के ! खूब चढ़ा यह रंग मति पे !!
सत् से मै भी करूँ प्रयाण ! पतित पावन दादी नाम !! (१४)
देख नारी का हट आती भारी ! बोले प्रभु से सब नर नारी !!
करो समस्या का समाधान ! पतित पावन दादी नाम !! (१५)
प्रभु ने सबको यों समझाया ! छोड़ो सभी मोह और माया !!
होगा वही जो विधि विधान !पतित पावन दादी नाम !! (१६)
बोले फिर उत्तरा से जाय ! ऐसी घडी अभी नहीं आई !!
कर तू धर्म कर्म का ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (१७ )
तू है गर्भवती एक नारी ! फिर कैसे ये बात विचारी !!
सोच ले क्या होगा अंजाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१८)
अब ताजे जीवन पाप लगेगा ! कोख से तेरे निशाँ मिटेगा !!
नहीं है इसमें तेरी शान ! पतित पावन दादी नाम !! (१९)
कोख से जो बालक जन्मेगा ! नाम परीक्षित उसका होगा !!
बनेगा राजा बड़ा महान ! पतित पावन दादी नाम !! (२०)
बजेगी जग में उसकी भेरी ! सुन ले बात आज तू मेरी !!
होगा तेरा अमर निशाँ ! पतित पावन दादी नाम !! (२१)
बात सुन उत्तरा चकराई ! बोली प्रभु से मनं सकुचाई !!
तेरी लीला तेरे नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (२२)
प्रभुजी फिर दयाकर बोले ! थोडा सा मुस्का कर बोले !!
सुनलो अब तुम अमर ज्ञान ! पतित पावन दादी नाम !! (२३)
निराकार ने दे आकर ! किया सृष्टि का है श्रींगार !!
स्वयं रहता है अंतर्ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (२४)
जो आया है वह जायेगा ! नहीं यहाँ पर रुक पायेगा !!
जड़ चेतन सब एक सामान ! पतित पावन दादी नाम !! (२५)
सत् की शक्ति तन मनं आई ! तब उसने यह व्यथा बताई !!
इच्छा होती बड़ी बलवान ! पतित पावन दादी नाम !! (२६)
जग को सत्य का भान कराऊँ ! सत् शक्ति पहचान बताऊँ !!
देवो अभिलाषा पर ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (२७)
सत्य ही है सत् का आधार ! बोले जग के करुनाधार !!
इस से ही सब का कल्याण ! पतित पावन दादी नाम !! (२८)
जो अभिलाषा रही अधूरी ! होगी वह कलयुग में पूरी !!
देता तुझे आज वरदान ! पतित पावन दादी नाम !! (२९)
अभिमन्यु, तंधन दास बनेगा ! वश्य के घर में वह जन्मेगा !!
होगा नारायणी तेरा नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (३०)
युद्ध वहां पर होगा भारी ! जब तू सत् दिखलाना नारी !!
कर शत्रु का काम तमाम ! पतित पावन दादी नाम !! (३१)
शक्ति रूप वहां दिखलाना ! जग के सारे कसता मिटाना !!
पूजेंगे सब सुबह शाम ! पतित पावन दादी नाम !! (३२)
संवत तेरह सौ अडतीस ! प्रगति शक्ति कलयुग बीच !!
पूरण करने सत् अभियान ! पतित पावन दादी नाम !! (३३)
कार्तिक शुक्ल अस्थामी बीती ! आई नवमी की शुभ तिथि !!
मंगलवार जन्मी गुना खान ! पतित पावन दादी नाम !! (३४)
महम डोकवा जिला हिसार ! अग्रवाल घर लिया अवतार !!
बतलाने सत् की पहचान ! पतित पावन दादी नाम !! (३५)
सेठ गुर्समल था बड़ा नामी ! जन्मी उसके घर नरनी !!
माता का सुलोचना नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (३६)
बचपन से ही गजब वोह धाये ! होनहार के रंग दिखलाए !!
जल्दी पढ़ लिए वेड पुराण ! पतित पावन दादी नाम !! (३७)
राधा रुक्मण कृष्ण मुरारी ! त्रिमूर्ति संग बात विचारी !!
आज चले लेने इम्तिहान ! पतित पावन दादी नाम !! (३८)
झट साधू का वेश बनाया ! द्वारे आकर अलख जगाया !!
बोले जय जय सियाराम ! पतित पावन दादी नाम !! (३९)
माता ने की है अगुवाई ! चरणों में गिर धोक लगाई !!
स्वीकारो मेरा परनाम ! पतित पावन दादी नाम !! ( ४०)
बड़े भाग्य जो आये साईं ! बोली सेठानी मुस्काई !!
देखो बेटी के दिनमान ! पतित पावन दादी नाम !! (४१)
बेटी बड़े भाग्य जन्मी है ! बस इसमें तोह एक कमी है !!
सूनी होगी जल्दी मांग ! पतित पावन दादी नाम !! (४२)
सुनकर माँ को मोर्चा आई ! बेटी ने जब नैन मिली !!
झट से गई उन्हें पहचान ! पतित पावन दादी नाम !! (४३)
करती हूँ प्रणाम मै सबको ! असली रूप दिखावो मुझको !!
विनती सुनलो दया निधान ! पतित पावन दादी नाम !! (४४)
सबने अपना रूप दिखाया ! नारायणी ने आशीष पाया !!
हो गए फिर वोह अंतर्धान ! पतित पावन दादी नाम !! (४५)
अभिमन्यु जो वीर कहाए ! कलयुग में तंधन बन आये !!
जन्मे गाँव हिसार है नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (४६)
बंसल गोत्र में जनम लिया है ! और शक्ति का वरन किया है !!
धन्य किया है कुल का नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (४७)
माता शारदा, बहिना श्यामा ! अनुज है उनके कमलारामा !!
पिता श्री है जाली राम ! पतित पावन दादी नाम !! (४८)
मात-पिता की सेवा करते ! विपदा से वे कभी न डरते !!
थे वे वीर धीर गुणवान ! पतित पावन दादी नाम !! (४९)
था नवाब हिसार का झाद्चंद ! आई है जब उसको अड़चन !!
सोचे किसे बनाऊ दीवान ! पतित पावन दादी नाम !! (५०)
मंत्री गन ने उससे सुझाया ! जालिरामजी का नाम बताया !!
देवो उनको यह सन्मान ! पतित पावन दादी नाम !! (५१)
जलिरामजी को झट बुलवाया ! प्रेम सहित आदेश सुनाया !!
आप संभालो पद्द दीवान ! पतित पावन दादी नाम !! (५२)
विवाह योग्य जब हुई है बाई ! मात-पिता मन चिंता छाई !!
करदे अब तोह कन्यादान ! पतित पावन दादी नाम !! (५३)
लागे धुंडने वर उस लायक ! गुनी वीर सुन्दर सुखदायक !!
मिला नहीं हो रहे हैरान ! पतित पावन दादी नाम !! (५४)
बाई ने जब ध्यान लगाया ! प्रभु ने उसका ह्रदय जगाया !!
हुआ बोध पति तंधन नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (५५)
मात-पिता को जब यह बताया ! तंधन जी का लगन भिजवाया !!
आये पूरण कर सब काम ! पतित पावन दादी नाम !! (५६)
संवत तेरह सौ इक्यावन ! विवाह घडी जब आई पावन !!
गूंजा शेहनाई पर गान ! पतित पावन दादी नाम !!(५७)
मंगसिर बदी नौमी मंगलवार ! बनी नाराणी तंधन नार !!
आशीर्वाद दिया भगवान् ! पतित पावन दादी नाम !! (५८)
मात-पिता ने सीख बताई ! और बेटी को दी है विदाई !!
रखना हमेशा कुल का मान ! पतित पावन दादी नाम !! (५९)
बाई जब ससुराल पधारी ! देख के बतलाये नर नारी !!
आई देवी घर दीवान ! पतित पावन दादी नाम !! (६०)
झाद्चंद का बेटा शेह्जादा ! तंधन के संग खेलने जाता !!
दो शरीर पर एक थे प्राण ! पतित पावन दादी नाम !! (६१)
घोड़ी सुन्दर थी आती प्यारी ! तंधन जिस पर करे सवारी !!
वही निमित्त हुई वरदान ! पतित पावन दादी नाम !! (६२)
शेह्जादे का मनं ललचाया ! तंधन जिस पर करे सवारी !!
छोड़ दे तू घोड़ी का ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (६३)
होनी ने जब रंग दिखलाया ! घोड़ी चुरून मनं भरमाया !!
गाया रात में वह नादान ! पतित पावन दादी नाम !! (६४)
जाग हुई जब भगा बेचारा ! तंधन ने तब भाला मारा !!
निकले शेह्जादे के प्राण ! पतित पावन दादी नाम !! (६५)
लाश देख सभी घबराए ! सीमा पार झुन्झ्नुं आये !!
रातों रात चले अविराम ! पतित पावन दादी नाम !! (६६)
दुःख हुआ झाद्चंद को भारी ! करें विलाप मात और नारी !!
सूनी हुई कोख और मांग ! पतित पावन दादी नाम !! (६७)
झाद्चंद कहे सुनो दरबारी ! कार्लो बदले की तेयारी !!
सभी रखो तंधन का ध्यान ! पतित पावन दादी नाम !! (६८)
गौने का जब दिन है आया ! तंधन को ससुराल पाठ्य !!
संग भेजा राणा बलवान ! पतित पावन दादी नाम !! (६९)
कर गौना जब हुई है विदाई ! अपशाक्गुनो की बाढ़ सी आई !!
चले बोलते जय जय राम ! पतित पावन दादी नाम !! (७०)
गुप्तचरों ने खबर सुनाई ! झाद्चंद ने फौजें भिजवाई !!
करो तंधन का काम तमाम ! पतित पावन दादी नाम !! (७१)
जंगल बीच हुई है लड़ाई ! तंधन ने वीरता दिखाई !!
मारे शत्रु के बहुत जवान ! पतित पावन दादी नाम !! (७२)
पीछे से वार किया दुश्मन ने ! वीरगति पाई तंधन ने !!
हुआ अमर उनका बलिदान ! पतित पावन दादी नाम !! (७३)
नारायणी ने जब यह देखा ! चढ़ा जोश तब उससे अनोखा !!
कुदी रण में भृकुटी तान ! पतित पावन दादी नाम !! (७४)
हाथों में तलवार है चमकी ! और साथ में चुदियाँ खनकी !!
बोली मिटाऊं तेरा नामो निशाँ ! पतित पावन दादी नाम !! (७५)
रणचंडी जब रूप दिखाया ! दुश्मन ने तब होश गंवाया !!
देख रूप विकराल महान ! पतित पावन दादी नाम !! (७६)
कर दुश्मन का साफ़ सफाया ! राणा को आदेश सुनाया !!
अब हम चलते अपने धाम ! पतित पावन दादी नाम !! (७७)
वह संवत तेरह सौ बावन ! जब यह धरती हुई है पावन !!
लहराया ध्वज सत् का आन ! पतित पावन दादी नाम !! (७८)
मंगसिर बदी नौमी मंगलवार ! सत् चदा है अपरम्पार !!
शक्ति का किया आवहान ! पतित पावन दादी नाम !! (७९)
मुख मंडल पर तेज है दमके ! जैसे नभ में बिजली चमके !!
छाई होटों पर मुस्कान ! पतित पावन दादी नाम !! (८०)
अग्नि सत् से स्वयं प्रकति ! शक्ति ने सत् की ज्योत दिखाई !!
चमके धरती और आसमान ! पतित पावन दादी नाम !! (८१)
पञ्च तत्त्व देह हुआ विलीन ! शक्ति हुई शक्ति में लीन !!
शेष भस्मी अवशेष सामान ! पतित पावन दादी नाम !! (८२)
दृश्य देख राणा चकराया ! झट दुर्गा का रूप दिखाया !!
कर रही वर्षा पुष्प विमान ! पतित पावन दादी नाम !! (८३)
बाएं कर त्रिशूल है चमके ! दायें में स्वस्तिक भी दमके !!
आभा मुख मंडल की महान ! पतित पावन दादी नाम !! (८४)
धन्य हुआ राणा का जीवन ! बोला विनती कर मनं ही मनं !!
जय भवानी जय दुर्गा नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (८५)
राणा ने प्रणाम किया है ! माँ ने आशीवाद दिया है !!
संग मेरे पुजेगा तेरा नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (८६)
भस्मी कलश ले झुंझुन आया ! घोडा रुका वहीँ पे लगाया !!
समाधी मंदिर है आलिशान ! पतित पावन दादी नाम !! (८७)
बरस सात सौ की यह दादी ! हो गई दादी की पढ़दादी !!
अमर रहेगा इसका नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (८८)
जनम-मरण और पारण दादी का ! वार मंगल और नौमी तिथि का !!
संगम और संयोग महान ! पतित पावन दादी नाम !! (८९)
नौ का अंक पूरण कहलाता ! मंगल भी मंगल का दाता !!
दादी पूरण शक्ति निधान ! पतित पावन दादी नाम !! (९०)
हुई नारायणी जग में विख्यात ! बनकर दादी रानिशक्ति मात !!
पूजे माँ को सारा जहां ! पतित पावन दादी नाम !! (९१)
माँ दुर्गा की है अवतार ! कोई ना पावे इसका पार !!
युग-युग में अवतारी नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (९२)
लक्ष्मी शारदा उमा काली ! वैष्णवी कलि में झुंझुनू वाली !!
सब पर्यायवाची इसके नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (९३)
शक्ति की जो बात है मूल ! वाही दादी निशाँ त्रिशूल !!
है इसका स्पष्ट प्रमाण ! पतित पावन दादी नाम !! (९४)
देख शक्ति का धाम निराला ! सब देवों ने देरा डाला !!
सुर संगम है दादी धाम ! पतित पावन दादी नाम !! (९५)
पित्तर देव सब यहाँ बिराजे ! बैठे शिव दरबार लगाके !!
हनुमत कंधे लक्ष्मण राम ! पतित पावन दादी नाम !! (९६)
शोषण शक्ति नव दुर्गाये ! त्रिमूर्ति नवग्रह मुस्काए !!
सब दिगपाल संभाले काम ! पतित पावन दादी नाम !! (९७)
कुल-देवी दादी महारानी ! नहीं है इसका कोई सानी !!
करती कली में माँ कल्याण ! पतित पावन दादी नाम !! (९८)
दादी की जग में है ख्याति ! संग में बहिनों को पुज्वाती !!
तंधन पित्तर शक्तिमान ! पतित पावन दादी नाम !! (९९)
जो भी मनं से पूजे इसको ! दादी दर्शन देती उसको !!
जात पात का नहीं है काम ! पतित पावन दादी नाम !! (१००)
रोली मोली महेंदी चावल ! धुप पुष्प दीपक और श्रीफल !!
पूजा का इनसे ही विधान ! पतित पावन दादी नाम !! (१०१)
चूड़ा चुनड भेंट चादावे ! बहिन बेटी के काम वो आवें !!
रखती दादी सबका मान ! पतित पावन दादी नाम !! (१०२)
माँ, दादी सब शक्ति के रूप ! नारी स्वयं भी शक्ति स्वरुप !!
शक्ति पूजा नारी सम्मान ! पतित पावन दादी नाम !! (१०३)
जितनी भी शक्तियां है कलि में ! राणीशक्ति सिर मोर सभी में !!
इस शक्ति को करो प्रणाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१०४)
महिमा दादी की आती भारी ! मंगल भवन अमंगल हारी !!
गुण गावे सब वेद पुराण ! पतित पावन दादी नाम !! (१०५)
यहाँ मंगल मनका पुष्पोहार ! करदे तुझको भाव से पार !!
कर अर्पण दादी के नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१०६)
पाठ करें जो मंगल मनका ! कष्ट हरे माँ उसके तनका !!
पुरें हो उसके अरमान ! पतित पावन दादी नाम !! (१०७)
श्री कृष्ण ने लीला गई ! दयाकर सुनले मेरी माई !!
भूलूँ नहीं मै तेरा नाम ! पतित पावन दादी नाम !! (१०८)
मंगल माला पूरी हुई , मनका एक सौ आठ !!
मनोकामना पूर्ण हो , नित्य करे जो पाठ !!
|| जय दादी की || || जय दादी की ||
|| जय दादी की || || जय दादी की ||
|| जय दादी की || || जय दादी की ||
|| जय दादी की || || जय दादी की ||
|| मंगल भवन अमंगल हारी , दादीजी थारो नाम बड़ो सुखारी ||
|| प्रेम से बोलो जय दादी की ||
How to do Rani Sati Dadi Mangal Path
श्री राणी सती दादी मंगल पाठ
To get the best result you should do Rani Sati Dadi Mangal Path ( श्री राणी सती दादी मंगल पाठ) in the morning after taking bath and in front of Rani Sati Mata Picture.
Benefits of Rani Sati Dadi Mangal Path
श्री राणी सती दादी मंगल पाठ के लाभ
According to Hindu Mythology doing Rani Sati Dadi Mangal Path is the most powerful way to please Rani Sati and get her blessing.
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री राणी सती दादी मंगल पाठ करने से Rani Sati बहुत प्रसन्न होते है और सारे संकट दूर करके जीवन खुशियों से भर देते है ।
Rani Sati Dadi Mangal Path in Tamil/Telgu/Gujrati/Marathi/English
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