श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2020 | Janmashtami
Janmashtami in Hindi
भगवान कृष्ण की जयंती को जन्माष्टमी कहा जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादपद्र माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र की आधी रात के दौरान हुआ था।
हिंदू धर्म के अनुयायी भगवान कृष्ण की जन्मतिथि को जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। जन्माष्टमी भक्तों पर भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं । जन्माष्टमी के उपवास करने वाले भक्त लोग, जन्माष्टमी को एक समय ही फलाहार लेते हैं।
2020 में जन्माष्टमी
11वाँ
अगस्त 2020
Tuesday / मंगलवार
12:05 ए एम से 12:48 ए एम, अगस्त 12
अवधि – 00 घण्टे 43 मिनट्स
जन्माष्टमी को रात मैं भगवान् कृष्ण की पूजा की जाती हैं जिसकी सरल विधि हम आपको बता रहे हैं.
भगवान् श्री कृष्ण पूजन सामग्री
- भगवान के लिए चौकी (Chawki)
- लाल वस्त्र चौकी पर बिछाने के लिये) (Red Cloth for Chawki)
- लड्डू गोपाल की मूर्ति या चित्र (Idol or photo of Baby Krishna)
- चांदी का सिंहासन (Asana)
- पंचामृत (Panchamrit)
- गंगाजल (Gangajal, Sacred Water of Holy River Ganga)
- दीपक, घी, बत्ती (Lamp, Ghee, Wick)
- धूपबत्ती (Dhoopstick)
- अष्टगंध चन्दन या रोली (Ashgandha Chandan or Roli)
- अक्षत (कच्चा साबुत चावल) (Raw Rice)
- तुलसी (Holy Basil Leaves)
- माखन मिश्री व मिठाई (Makhan Mishri and other sweets)
- ५ प्रकार के फल (5 Type of Fruits)
- कृष्ण जी के लिये वस्त्र और आभूषण (Clothes and Ornaments for Lord Krishna)
- इत्र (Scent)
- फूल माला (Flower Garland and Flowers)
भगवान् श्री कृष्ण पूजा विधि
- सबसे पहले दीपक और धूपबत्ती जला लीजिये.
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर भगवान् श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करिये और भगवान् श्री कृष्ण का आवाहन कीजिये
- भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करें कि, “हे भगवान् कृष्ण ! कृपया पधारिये और पूजा ग्रहण कीजिये
- भगवान् कृष्ण की मूर्ति एक पात्र में रखिये श्री कृष्ण को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराइये.
- अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाइये और श्रृंगार कीजिये.
- अब भगवान् कृष्ण को दीपक और धुप दिखाइये
- अष्टगंध का तिलक लगाइये और साथ ही अक्षत लगाइये
- इत्र और फूलमाला अर्पण कीजिये
- माखन, मिश्री, मिठाई और फल भोग के रूप मैं अर्पण कीजिये, तुलसी का पत्ता विशेष रूप से भोग मैं अर्पण कीजिये. साथ ही पीने के लिये जल रखिये.
- अब कृष्ण मंत्र का जप कीजिये
- अंत मैं भगवान श्री कृष्ण की आरती कीजिये